बच्चों का अच्छा वजन उनके पोषण और विकास के लिए बेहद जरूरी होता है। कमजोर बच्चों के माता-पिता की एक सबसे बड़ी समस्या होती है कि वह अपने बच्चों को ऐसा क्या खिलाएं जिससे उनका वजन बढ़े। ऐसे में सबसे जरूरी तो यह जानना है कि छोटे बच्चों के लिए संपूर्ण पोषण बेहद जरूरी होता है जिसमें फैट, प्रोटीन, विटामिन आदि की सही मात्रा होनी चाहिए।
इसके अलावा कुछ ऐसे आहार भी हैं जिनसे वजन आसानी और सही तरीके से बढ़ता है। आइए जानें कमजोर शिशुओं व बच्चों को दिया जाने वाला आहार:
वजन बढ़ाने के लिए प्रोटीन का सेवन जरूरी है इसलिए अपने आहार में चिकन, मछली, अंडा, दूध, बादाम व मूंगफली आदि को शामिल करें। इसके अलावा कार्बोहाइड्रेट भी वजन बढ़ाने में मददगार होता है जैसे पास्ता, ब्राउन राइस, ओटमील आदि। इन सबके साथ फलों व सब्जियों का सेवन भी जरूर करें।
शहद वजन संतुलित करता है। अगर आपका वजन अधिक हो, तो शहद उसे कम करने में मदद करता है और अगर वजन कम हो तो उसे बढ़ाने का काम करता है। रोज सोने से पहले या नाश्ते में दूध में शहद का सेवन आपका वजन बढ़ा सकता है। इससे आपकी पाचन शक्ति भी अच्छी रहती है।
मूंगफली का मक्खन वजन बढ़ाने के लिए एक बहुत अच्छा स्रोत है। आपका शिशु यदि 1 वर्ष से अधिक आयु का है, तो आप एक रोटी या टोस्ट पर मूंगफली का मक्खन एक चम्मच फैला दीजिए और अपने बच्चे को खाने के लिए दीजिए।
सब्जियों का पतला सूप या टमाटर का सूप बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसके साथ सूजी का हलवा भी बेहद पौष्टिक और वजन बढ़ाने में मददगार होता है।
बच्चे का वजन अगर कम है तो उसे मलाई वाला दूध पिलाना सही माना जाता है। अगर दूध पीने से बच्चा मना करें तो शेक, स्मूदी या चॉक्लेट पाउडर मिक्स कर देना चाहिए ।
फूल क्रीम का दही भी एक उपयुक्त विकल्प है। बाजार में उपलब्ध फल वाला दही / फ्रुटी दही खरीदने से बचें क्योंकि उसमें बहुत अधिक मात्रा में शक्कर मिलाई जाती है। इसके बजाय दही के साथ कुछ फलों का मिश्रण बना कर अपने बच्चो को दीजिए। श्रीखंड, दही की एक बढ़िया रेसिपी / डिश है जो की शिशुओं और बच्चों को दी जा सकती है।
जिंक से भरपूर भोजन बच्चों के विकास के लिए जिंक एक बेहद पोषक तत्व होता है। जिंक की कमी के कारण बच्चों को भूख कम लगती है। कोशिश करें कि बच्चें को जिंक से भरपूर भोजन दें जैसे तरबूज के बीज, मूंगफली, बींस, पालक, मशरूम और दूध आदि।
शाम नाश्ते के रूप में पनीर का एक छोटा सा टुकड़ा भी आपकी मदद कर सकता हैं। घर का बना पनीर अथवा कोटेज चीज़ एक सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। ब्रोकोली पनीर मैश, आलू पनीर मैश, अंडा चीज़ मैश के रूप में भी पनीर को दिया जा सकता है।
दाल में प्रोटीन काफी होता है। छोटे बच्चों को दाल का पानी अवश्य पिलाना चाहिए। अगर बच्चा ज्यादा कमजोर है तो उसका वजन बढ़ाने के लिए, उसे नियमित रूप से दाल का पानी पीने को दे। इससे वजन तेजी से बढ़ेगा।
केला एनर्जी का बेहतरीन स्त्रोत होता है। दूध में मैश कर इसे देने से बच्चों के वजन में वृद्धि आती है। एक साल से अधिक के बच्चों के लिए केले का शेक भी एक अच्छा विकल्प होता है।
अंडे प्रोटीन से भरपूर होते हैं। पीली जर्दी को 8 वें महीने और पूरे अंडे एक वर्ष की उम्र से शुरू किया जा सकता है।
आलू वजन बढ़ाने के लिए उपयोगी होते हैं। ये कार्बोहाइड्रेट और ऊर्जा का बहुत अच्छा स्रोत है। आप इसे आलू पनीर या चीज़ मैश के रूप में दे सकते है।
सभी प्रकार के ड्राई फ्रूट्स और विशेषकर नट्स विटामिन से भरपूर होते हैं। इनका पाउडर बनाकर बच्चों को दूध में मिलाकर पिलाया जा सकता है।
शकरकंद फाइबर, पोटेशियम, विटामिन ए,बी और सी से भरपूर होते हैं। इन्हें खाने से वजन भी बढ़ता है। बच्चों को दूध में मैश कर इसे दिया जा सकता है।
आप घी को मक्खन के समान प्रयोग में ला सकते हैं। बच्चों को नियमित रूप से इसका सेवन करना चाहिए।
बच्चों को हरी सब्जियां खिलाने की आदत डालें। हरी सब्जियों में भरपूर पोषण के साथ पाचन तंत्र को साफ रखने की भी क्षमता होती है।
यह फल भी वसा / फैट में समृद्ध और वजन बढ़ाने के लिए एक लाभकारी भोजन है। दूध के साथ या सादे तरीके से मैश करके आप इसे ले सकते हैं।
यह एक चीनी समृद्ध (sugar rich) फल है। आप किसी भी अन्य फलों अथवा मिल्क शेक आदि के साथ या सादे चीकू की प्यूरी या चीकू खीर दे सकते हैं।
उपरोक्त आहार के साथ यह बात बिलकुल नहीं भूलनी चाहिए कि बच्चे के लिए, मां के दूध से अधिक पौष्टिक कुछ नहीं होता है। अगर बच्चे का वजन नहीं बढ़ रहा है तो उसके दूध पीने की क्रिया पर भी ध्यान देना चाहिए।
इसके अलावा कुछ बातो पर भी ध्यान रखना चाहिए …
छह महीने के बाद ही बच्चों को मां के दूध के अलावा कुछ देना चाहिए।
छह माह के बाद अन्य भोजन देने से पहले डॉक्टर से अवश्य राय लेनी चाहिए।
छोटे बच्चों को थोड़ा-थोड़ा करके कम से कम दिन में छह बार खाना खिलाना चाहिए।
बच्चों को जबरदस्ती खिलाने से बचना चाहिए।
डालडा या अन्य वनस्पति तेल को बच्चों के आहार में शामिल नहीं करना चाहिए।
बच्चों को खिचड़ी, दूध-बिस्कुट, मैशड चावल, सब्जियां आदि भी देना चाहिए।
बच्चा अगर खाने में अनबन करता है तो उसके खाने को रोचक बनाने पर भी ध्यान दें। दलिया के साथ सब्जियों को मिलाकर या दही में फलों को मिलाकर देने से बच्चे का मन इनकी तरफ झुकेगा।
इसके अतिरिक्त, यदि बच्चे को कोई प्रॉब्लम है जिसकी वजह से उसे भूख नहीं लगती है या जी मिचलाता है तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
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