बदलते मौसम में खांसी की आवाज सुनाई देने लग जाती है। इसमें सबसे अधिक नवजात शिशु और छोटे बच्चे परेशान होते है। इसका मुख्य कारण उनकी रोग-प्रतिरोधक शक्ति कम होना है। लेकिन कुछ घरेलू नुस्खों से इस समस्या से बचा जा सकता है, तो आइये जाने कुछ बहुत ही सरल घरेलू उपाय…
पान के पत्ते लें, तवे को अच्छे से गर्म करें। गर्म तवेपर पान के पत्ते एक से दो मिनट के लिए रखे रहने दें। फिर इन गर्म पत्तों को बच्चे की छाती पर रखें। ध्यान रहे कि पत्ते ज्यादा गर्म न हों। इन पत्तों को रात भर बच्चे की छाती पर रहने दें और सुबह में निकल दें। ऐसा लगातार पांच दिनों तक करे। बच्चे को बहुत आराम मिलेगा।
एक चम्मच जीरे को पानी में करीब दस मिंट तक उबालें। फिर इस पानी को थोड़े-थोड़े समय के अंतराल में पिलाते रहें। ध्यान रहे कि बच्चा 6 महीने से बड़ा होना चाहिए।
अगर बच्चा एक साल या उससे बड़ा हो तो आधी चम्मच अदरक का पेस्ट, दो काली मिर्च,गुड़ स्वाद नुसार, १/४ चम्मच अजवाइन बारीक़ पीसी हुई, इन सब को दो कप पानी में उबालें। जब तक यह पानी आधा न रह जाए तब तक उबालें। इसके बाद इसे छान ले और थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पिलाते रहें।
तुलसी के पत्तों में बहुत औषधि गुण होते है। अगर बच्चा पत्तों को चबाले तो अच्छा है, लेकिन अगर बच्चा पत्तों को न चबाए तो उन्हें पीसकर खिला दें। तुलसी के पत्ते बच्चे में रोग-प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाते है, इससे वे जल्दी बीमार नहीं पड़ते। अगर बच्चा पत्तों को नहीं खा सकता तो पत्तों को दो से तीन घंटे पानी में भिगो दें और फिर यह पानी बच्चे को पिलाए।
तुलसी के पत्ते कब्ज़ को दूर करने में भी बहुत साहयक हैं। Click Here for More Details…
दालचीनी एक प्रभावसाली एंटी बैक्टीरिया और एंटी ऑक्सीडेंट के गुणों से भरपूर होने के कारण बहुत फायदे की चीज है। यह एक साल से उपर के बच्चों को दे सकते है आधी चम्मच शहद में तीन चुटकी दालचीनी पाउडर मिलाकर बच्चे को दें।
भाप से भी बच्चे को खांसी से आराम मिलता है। एक बंद कमरे में गर्म पानी से भाप दी जा सकती है इससे छाती में जमा कफ आसानी से ढीला हो जाता है। किसी बर्तन में गर्म पानी लें और अब बच्चे मुँह बर्तन से थोड़ा ऊपर रखें और किसी कपड़े से बच्चे और बर्तन दोनों को ढक दें। इससे बच्चे को राहत मिलेगी।
नवजात शिशु को सर्दी लग जाए तो इसके लिए अजवाइन का उपयोग किया जाता है। अजवाइन को थोड़ा हल्की आँच पर भून लें। अब इसे सूती कपड़े में बांध कर पोटली सी बना लें। इस पोटली को सिसु की नाक के पास घुमाए कि जिससे उसकी साँसों के साथ अजवाइन की महक नाक में चली जाए और शिशु को राहत मिलती है।
लहसुन की दो कलियाँ छीलकर ५० मिली पानी में दस मिंट के लिए छोड़ दें। यह पानी बच्चे को पिलाए और ऐसा हर तीन से चार घंटे में करे, बच्चे को बहुत आराम मिलेगा। या फिर लहसुन की कली को आग पर जला लें। अगर बच्चा ज्यादा छोटा है तो उसे दूध में मिलाकर दें और तीन साल से ऊपर के बच्चों को शहद में दें।
एक कप देसी घी में सात से दस लहसुन की कलियाँ, आधी चम्मच अजवाइन, आधी चम्मच मेथी के दाने डालकर तब तक गर्म करें जब तक कि लहसुन की कलियाँ हल्की भूरी न हो जाए। फिर इसे छानकर किसी बर्तन में डालें और बच्चे की छाती और पैरों के तलवे में मालिश करें। पुरे शरीर पर भी मालिश कर सकते है।
सलाइन का पानी बंद नाक में जादू जैसा काम करता है। इस पानी की दो बुँदे नाक में डालें और बच्चे का सिर हल्के हाथ से हिलाए, जिससे पानी नाक में आसानी से चला जाए। इससे बच्चे को तुरंत आराम मिलता है।
छोटे बच्चों की खांसी ठीक करने के लिए विक्स वेपरब एक अच्छा उपाय है। इसे बच्चे की छाती और गले पर लगा सकते है।
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